BHOPAL, राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों पर आधारित दो दिवसीय सेमिनार का भव्य उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव,केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित अन्य विशिष्टजन की उपस्थिति में इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
पहले दिन आयोजित किए गए कई तकनीकी सत्र
उद्घाटन सत्र के बाद, दिन भर कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें देशभर से आए विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी विशेषज्ञता के आधार पर नई तकनीकों और निर्माण सामग्रियों के उपयोग पर अपने विचार साझा किए। सत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत नई तकनीकों के कार्यान्वयन, पुल निर्माण में नई मशीनरी का उपयोग, और सड़क निर्माण में उपयोग होने वाली नई सामग्रियों पर विशेष ध्यान दिया गया।
तकनीकी सत्रों की मुख्य चर्चाएँ
पहले दिन की चर्चाओं में सिविल इंजीनियरिंग, निर्माण, सड़क सुरक्षा, और तकनीक से संबंधित विषय प्रमुख रहे। डॉ. अभिषेक मित्तल (सीएसआईआर सीआरआरआई, नई दिल्ली) ने लचीली सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए नई सामग्री और तकनीकों पर प्रस्तुति दी। इसके बाद, प्रोफेसर एम.ए. रेड्डी (आईआईटी खड़गपुर) ने कठोर सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए शॉर्ट स्लैब और बॉन्डेड तकनीकों पर गहन विचार साझा किए। इसके अतिरिक्त, सतेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, आरपीडी, सीआरआरआई और सलाहकार) ने सड़कों और पुलों में सीमांत सामग्रियों के उपयोग के लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।
सड़क सुरक्षा और आईटी तकनीकों पर विचार-विमर्श
डॉ. सैमसन मैथ्यू (निदेशक, एनएटीपीएसी) ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए नई सामग्री और तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। विकास ठक्कर (एमडी, पावेटेक कंसल्टेंट्स इंडिया) ने आईटी तकनीकों के माध्यम से सड़क परियोजनाओं की निगरानी और प्रबंधन पर रोशनी डाली। इसके बाद, अल्ट्राटेक के प्रतिनिधियों ने व्हाइटटॉपिंग के अपने व्यावहारिक अनुभवों को साझा किया, जबकि नेचुरल सेमेको प्राइवेट लिमिटेड ने कठोर सड़कों की मरम्मत के तरीकों पर चर्चा की।
सीधे संवाद
सभी तकनीकी सत्रों के बाद प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जहां प्रतिभागियों ने वक्ताओं से सीधे संवाद कर उनकी प्रस्तुतियों से जुड़े प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया।इस सेमिनार के माध्यम से उभरती तकनीकों और सामग्रियों पर आधारित चर्चा से सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में बेहतर कार्यान्वयन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए आयाम खुलेंगे।